Friday, November 22, 2024

Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट का फैसला, सौ प्रतिशत महिला आरक्षण को बताया गैर-कानूनी

रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने शिक्षण पदों के लिए सौ प्रतिशत महिला आरक्षण को गैर-कानूनी करार दिया है. इस मामले की सुनवाई शुक्रवार यानी 9 मार्च को हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शासकीय नर्सिंग कॉलेज में डेमोंस्ट्रेटर और प्रोफेसर पद के पक्ष पर सौ प्रतिशत महिला आरक्षण प्रदान करना पूर्ण रूप से गलत है. गौरतलब है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलजों में शिक्षण पदों के भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

भर्ती प्रक्रिया पर रोक

रिपोर्ट के मुताबिक, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए नर्सिंग कालेजों में 91 खाली पदों के लिए जारी भर्ती प्रक्रिया पर भी रोक लगा दी है. बता दें, अभय कुमार एक्का व अन्य ने वकील घनश्याम कश्यप और नेल्सन पन्ना कि तरफ से उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी. न्यायालय ने आरक्षण नियमों के खिलाफ बताते हुए कहा कि इन पदों के लिए पुरुषों को वंचित करना संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 में आरक्षण नियमों का उल्लंघन बताया गया है।

विज्ञापन को रद्द करने का आदेश

बता दें कि छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने 8 दिसंबर 2021 को सहायक प्राध्यापक नर्सिंग और डेमोस्ट्रेटर नर्सिंग के 91 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. भर्ती नियम में यह सुविधा दी गई है कि नर्सिंग महाविद्यालयों में डेमोस्ट्रेटर और असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों के लिए केवल महिला उम्मीदवार सीधी चयन के लिए पात्र होंगी. इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने लोक सेवा आयोग द्वारा जारी इस विज्ञापन की वैधता को चुनौती दी है. वहीं याचिकाकर्ता ने उच्च न्यायालय को बताया कि भर्ती के लिए पुरुष भी योग्य है. लेकिन इसके बावजूद सेवा भर्ती नियम के वजह से वह फार्म नहीं भर सकते है. याचिका की सुनवाई CJ एके गोस्वामी एवं जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की डिवीजन बेंच में हुई. डिवीजन बेंच ने महिलाओं के प्रति सौ प्रतिशत आरक्षण को कानून के खिलाफ बताते हुए विज्ञापन को रद्द करने का आदेश दे दिया है।

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