Thursday, November 21, 2024

छत्तीसगढ़ : स्कूल जाने के लिए खतरनाक तरीका अपनाने को मजबूर हैं बच्चे

रायपुर: शिक्षा हर किसी के लिए जरुरी है। ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसने सबको चौंका दिया है। दरअसल नदी पर पुल न होने की वजह से प्राइमरी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को स्कूल जाने में काफी दिक्कते आ रही हैं। ऐसा छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के ग्राम रेवापुर के आश्रित ग्राम लवाईडीह में हो रहा है। यहां के बच्चों को स्कूल जाने के लिए ट्यूब और नाव का सहारा लेना पड़ता है। वो ऐसा करने के लिए मजबूर है। बच्चे जान खतरे में डालकर स्कूल पढ़ने जाते हैं।

बच्चे हुए परेशान

सरगुजा जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर बसे इस गांव के लोग बहुत परेशानी में है। वर्ष 1991 में जब इस गाँव में घुनघुट्टा बांध का निर्माण किया गया, तो 250 से अधिक ग्रामीण परिवार बांध के दोनों तरफ विस्थापित हो गए। इसके बाद इनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। मगर बच्चों को शिक्षा सहित लोगों को रोजगार जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा।

बच्चों ने बयां किया दर्द

नाव से स्‍कूल जाते हुए बच्चों ने इस मामले को लेकर कहा- ‘स्कूल आने जाने में बहुत परेशानी आती है। अगर पुल बन जाता तो हम आसानी से स्कूल जा पाते। पुल न होने के वजह से इस गाँव के बहुत सारे बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया, इसलिए हम चाहते हैं जल्दी से यहाँ पुल बन जाए। वहीं एक स्‍टूडेंट ने कहा, ‘कभी ट्यूब से तो कभी नाव में बैठकर हमें ये नदी पार कर के स्कूल जाना पड़ता है। पुल न होने के वजह से यहाँ के बच्चे बेहद परेशान है।

आ रही हैं दिक्कतें

इस बात की जानकारी जब क्षेत्रीय विधायक डॉ प्रीतम राम को दी गई तो उन्होंने इसे लेकर कहा कि इस गांव के लोगों की मांग है कि पुल का निर्माण जल्द से जल्द हो। उनका मानना है कि पुल के निर्माण हो जाने से गांव के लोगों के लिए शिक्षा सहित रोजगार के अवसर आसान हो पाएंगे। इसकी मामले की जानकारी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को भी ग्रामीणों ने दी। लंबा पुल होने के वजह से इस पुल में थोड़ी देरी रही है।

Russia-Ukraine War: पीएम मोदी ने पुतिन को ऐसा क्या कह दिया कि गदगद हो गया अमेरिका

Raju Srivastava: अपने पीछे इतने करोड़ की संपत्ति छोड़ गए कॉमेडी किंग राजू श्रीवास्त

Ad Image
Latest news
Ad Image
Related news